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शिक्षा को समसामयिक बनाने, शिक्षण अधिगम में गुणवत्ता संवर्द्धन एवं सार्वभौम प्रारम्भिक शिक्षा की संकल्पना लेकर शिक्षा में एकरूपता लाने के विचार से राष्ट्रीय स्तर पर ‘राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद्, नई दिल्ली की स्थापना एक स्वायत्त संगठन के रूप में, सितम्बर 1961 में की गई। यह संस्थान शिक्षा के विभिन्न स्तरों हेतु पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकों एवं अन्य पठन साहित्य के विकास में मार्गदर्शन प्रदान करता है, जिसका अनुसरण देश के समस्त राज्य अपनी आवश्यकतानुसार करते हैं। राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यक्रमों में एकरूपता लाने के लक्ष्य से राज्य स्तर पर राज्य शिक्षा संस्थान उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद की स्थापना राजाज्ञा सं0 DI/4682/XV38/1963 के अनुसार 1 फरवरी, 1964 को की गयी। राज्य शिक्षा संस्थान उ0प्र0, अपने स्थापना के समय से ही प्रारम्भिक शिक्षा के क्षेत्र में अकादमिक निर्देशन देता रहा है। 1981 में राज्य शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद, उत्तर प्रदेश, लखनऊ की स्थापना के पश्चात से राज्य शिक्षा संस्थान उ0प्र0, इलाहाबाद परिषद् के तत्त्वावधान में ‘प्रारम्भिक शिक्षा विभाग’ के रूप में कार्यरत है।

राज्य शिक्षा संस्थान की स्थापना के उद्देश्य प्रारम्भिक शिक्षा के उन्नयन हेतु स्थापित इस संस्थान के बहुआयामी कार्यकलापों के मुख्य उद्देश्य निम्नवत हैं-

  • उपयोगी एवं महत्वपूर्ण शैक्षिक साहित्य का सृजन एवं प्रकाशन।
  • शोध कार्यक्रमों द्वारा शैक्षिक गुणवत्ता-उन्नयन।
  • शिक्षकों, शिक्षक-प्रशिक्षकों के सेवाकालीन प्रशिक्षण की व्यवस्था करना।
  • प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण संस्थाओं के कार्यक्रमों के मूल्यांकन सम्बन्धी कार्यक्रमों का संचालन करना।

- Dr. Ashutosh Dubey

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संस्थान द्वारा सत्र 2019 - 20 में कराये गये कार्यो का विवरण


1. प्राथमिक कक्षाओं की 15 पुस्तकों का शब्दशः संवीक्षण करके उनको संशोधित तथा परिशोधित कराया-

  • हिन्दी की 5 पुस्तकें (’कलरव‘ नामधेया कक्षा 1 से कक्षा 5 तक)
  • गणित की 4 पुस्तकें (’गिनतारा‘ नामधेया कक्षा 2 से कक्षा 5 तक)
  • संस्कृत की 3 पुस्तकें (’संस्कृत पीयूषम्‘ नामधेया कक्षा 3 से कक्षा 5 तक)
  • पर्यावरण-अध्ययन की 3 पुस्तकें (’हमारा परिवेश‘ नामधेया कक्षा 3 से कक्षा 5 तक)

2. उच्च प्राथमिक कक्षाओं हेतु 18 पुस्तकों का समीक्षण तथा परिशोधन कराया-

  • इतिहास की 3 पुस्तकें (’हमारा इतिहास और नागरिक जीवन‘ नामधेया कक्षा 6 से कक्षा 8 तक)
  • भूगोल की 3 पुस्तकें (’पृथ्वी और हमारा जीवन‘ नामधेया कक्षा 6 से कक्षा 8 तक)
  • गृहशिल्प की 3 पुस्तकें (’गृहशिल्प‘ नामधेया कक्षा 6 से कक्षा 8 तक )
  • महान व्यक्तित्व की 3 पुस्तकें (’महान व्यक्तित्व‘ नामधेया कक्षा 6 से कक्षा 8 तक)
  • उर्दू की 3 पुस्तकें (’उर्दू जब़ान‘ नामधेया कक्षा 6 से कक्षा 8 तक)
  • स्काउट गाइड शिक्षा की समेकित पुस्तक (कक्षा 6 से कक्षा 8 तक )
  • हमारा पर्यावरण की समेकित पुस्तक (कक्षा 6 से कक्षा 8 तक )
  • खेल और स्वास्थ्य की समेकित पुस्तक (कक्षा 6 से कक्षा 8 तक)

3. आंग्ल भाषा में निम्न पुस्तकों का अनुवाद कराने का कार्य-

  • Home Science (Class 6, 7& 8)
  • Scout Guide Education (Integrated)
  • Sport and Health (Integrated)
  • Our Environment (Integrated)

4. मानसिक मंद बच्चों हेतु पूर्णतः नवीन पुस्तकों का परिलेखन तथा सम्पादन-

  • गणित की 5 पुस्तकें (’अंकों को दुनिया‘ नामधेया कक्षा 1 से कक्षा 5 तक)
  • पर्यावरणीय अध्ययन की 3 पुस्तकें (’हमारा परिवेश‘ नामधेया कक्षा 3 से कक्षा 5 तक)

5. पूर्व प्राथमिक कक्षाओं हेतु गणित विषय की पुस्तकें-

  • परिकलन-1 (3 से 4 वयवर्ग के लिए)
  • परिकलन-2 (4 से 5 वयवर्ग के लिए)
  • परिकलन-3 (5 से 6 वयवर्ग के लिए)

6. शोध एवं शोध अध्ययन का कार्य किया गया-

  • ’’उत्तर प्रदेश के आकांक्षी जिलों के विद्यार्थियों में जीवन कौशलों को प्रोत्साहित करने वाले क्रियाकलापों का अध्ययन‘‘ विषय पर शोध कार्य करके एन0सी0ई0आर0टी0, नई दिल्ली को प्रस्तुत किया गया।
  • आकांक्षी जिले फतेहपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय ’आदर्श पूर्व माध्यमिक विद्यालय खेलदार‘ का वैयक्तिक शोध अध्ययन (Case Study)किया गया।

7. प्रशिक्षण/कार्यशाला-

  • प्राथमिक स्तरीय संस्कृत विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम 2 फेरों में पूर्ण किया गया जिसमेंआकांक्षी जिलों के 68 शिक्षकों को प्रतिभाग कराया गया।
  • बौद्धिक दिव्यांगता से प्रभावित बच्चों हेतु पाठ्यसामग्री विकसित करने हेतु कार्यशाला काआयोजन कराया गया।
  • प्री-प्राइमरी हेतु लर्निंग मैटेरियल एवं टीचर हैण्डबुक विकास कार्यशाला का आयोजनकराया गया।
  • प्राथमिक स्तरीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत 145 समन्वयकां एवं संदर्भदाताओं काप्रशिक्षण 3 फेरों में सम्पन्न कराया गया।
  • उच्च प्राथमिक स्तरीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम 5 फेरों में सम्पन्न कराया गया जिसमे कुल 211 मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित किया गया।
  • जनसंख्या शिक्षा परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के कुल 72 प्रवक्ताओं का 4 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 2 फेरों मे सम्पन्न कराया गया।
  • राष्ट्रीय समाज रक्षा संस्थान, नई दिल्ली के तत्वाधान में मादक पदार्थों के दुरुपयोग की रोकथाम हेतु 2 दिवसीय क्षमता संवर्द्वन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें कुल 126 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया।

8. पाठ्यसहगामी क्रियाकलाप-

  • जनसंख्या शिक्षा परियोजना के अन्तर्गत राज्य स्तरीय ’रोल-प्ले‘ एवं ’फोक-डांस‘ प्रतियोगिता का सफल आयोजन कराया गया जिसमें राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त टीम को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग करने का अवसर प्राप्त हुआ।

9. प्रकाशन कार्य-

  • शैक्षिक त्रैमासिक शोध पत्रिका ’अधिगम‘ के ग्यारहवें, बारहवें, तेरहवें एवं चौदहवें (4 अंकों)काप्रकाशन कराया गया। जिसके परिणामस्वरूप पत्रिका सम्प्रति यू0जी0सी0 कीकेयर लिस्ट में शामिल की गई है।
  • संस्थान की वार्षिक पत्रिका ’स्पन्दन‘ का ससमय प्रकाशन कराया गया।

10. अन्य कार्य-

  • उच्च प्राथमिक स्तर पर कक्षा 6, 7, 8 हेतु बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित सामाजिक विषय (इतिहास, नागरिकशात्र एवं भूगोल) के प्रश्न बैंक का निर्माण किया गया।
  • प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों हेतु वार्षिक शैक्षिक कैलेण्डर (2020-21) तैयार किया गया।